प्राचीन भारत में रसायन
Abstract
इस शोध पत्र में लेखक ने प्राचीन भारत में रसायन विषय को प्रस्तुत किया है। इस शोध पत्र में लेखक ने चरक, कौटिल्य एवं नागार्जुन के रासायनिक कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके महत्व एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला है। लेखक ने प्रभावी ढंग से दर्शाया है कि कैसे इन प्राचीन भारतीय विद्वानों ने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी योगदान दिया। यह शोध पत्र यह बताता है कि कैसे इन प्राचीन भारतीय विद्वानों ने रासायनिक अनुसंधान और प्रयोग की नींव रखी, जिससे भविष्य के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।
References
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15. वही, किमत्र चित्रं यदि राजवर्त्तक शिरीषपुष्पाग्ररसेन भावितम् ।
सितं सुवर्ण तरूणार्क सन्निभं करोति गुंजाशतमेक गुंजया ।।
16. वही, किमत्रं चित्रं यदि पीत गन्धकः पलानिर्यासरसेन शोधितः ।
आरण्यकैरूत्पलकैस्तु पाचितः करोति तारं त्रिपुटेन कांचनम् ।।
17. वही, किमत्रं चित्रं दरदः सुभावितः पयेन मेष्या बहुशोऽम्लवर्गः ।
सितं सुवर्ण बहुधम्र्मभावितं करोति साक्षाद् बरकुंकुमप्रभम् ।।
18. वही